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Self Motivation is the Key

प्रतियोगिता परीक्षा के लिए तैयारी कहाँ  से और कैसे start करे - जानिये

 

दोस्तों कभी- कभी  ऐसा भी होता है की हमे मेहनत के अनुकूल फल नही प्राप्त हो पाता है और हमे निराश होना पड़ता है | यदि हम रात- दिन एक करके पढ़ते है और हमारी मेहनत न दिखाई दे और परीक्षा में हमारे अनुकूल अंक नही प्राप्त होते है तो बहुत कष्ट होता है |

जैसे-जैसे परीक्षा नजदीक आने लगती है वैसे-वैसे विद्यार्थियों की

दिलो की धड़कन तेज़ होने लगती है | किसी ने कितनी भी मेहनत क्यों ही न की हो परन्तु वो  nervous हो ही जाता है |

 

प्रतियोगिता परीक्षा की  तैयारी  कैसे  करे -

परीक्षा आज के जीवन में किसी भी क्षेत्र में भी बहुत महत्वूर्ण बन गई है | परीक्षा का मुख्य उद्देश्य छात्र के मस्तिष्क को देखने के लिए किया जाता है | किसी भी परीक्षा के अंक उस छात्र की क्षमता को दर्शाते है | आज कल बहुत सी प्रतियोगी परीक्षाये चल रही है जिनकी तैयारी के लिए कुछ उपयोगी तरीके अपनाये -तो निश्चित ही हमें सफलता प्राप्त होगी |

 

कहा से करें शुरुआत -

परीक्षा की तैयारी के समय हमे कुछ समझ में नही आता है कि तयारी करे कैसे ? शुरुआत कहाँ से करे ? ऐसे प्रश्न मन में उठते रहते है | यदि तैयारी स्वयं से करते है तो मुश्किले ज्यादा आती है क्योंकि तैयारी करने में जिस टॉपिक में हम हल करने में फंस जाते है तो उसका solution करने में काफी समय लग जाता है | यदि किसी इंस्टिट्यूट का सहारा ले लेते है तो इसमें कोई हर्ज़ नही है |

 

समय सरणी से तैयारी -

यदि कोई भी कार्य हम समय सरणी बनाकर करते है तो उस कार्य में सफलता मिलने में कम  समय लगता है | इसलिए प्रतियोगी परीक्षा को सफल बनाने के लिए समय सरणी का भी एक विशेष महत्व है | यदि हम तैयारी समय सरणी नुसार कर रहे है तो हमारे सभी कार्य समय से होंगे | प्रत्येक विषय के लिए समय  हम निकाल सकेंगे कोई भी विषय हमारा pending में नही पड़ा नही रहेगा , और सभी विषय पर बराबर फोकस बना रहेगा

बनाये फार्मूला और याद करें मुश्किल चीज़े -

मैथ या अन्य विषय को हल करने के कुछ शार्ट त्रिकी  फॉर्मूले बनाये जाते है जिनकी सहायता से प्रश्न को हम जल्दी हल कर सकते है , और हमारा समय बचता है | प्रतियोगी परीक्षा में समय का महत्व क्या होता है ये सभी को पता है |

परीक्षा में एक बार बैठने के बाद पता ही नही चलता है की समय कितनी जल्दी निकल गया | यदि हम परीक्षा में शार्ट त्रिकी का प्रयोग कर लेते है तो वही समय हम दूसरे सवालों के लिए प्रयोग में ला सकते है , और जो भी चीज मुश्किल लगे उन्हें याद कर लेना चाहिए | इस तरह परीक्षा सफल बना सकते है |

 

पैटर्न का ज्ञान -

किसी भी परीक्षा में जाने के पहले प्रश्न पत्र का पैटर्न अवश्य पता होना चाहिए | यदि हमे परीक्षा का पैटर्न पता होता है तो हमारा काफी समय बच जाता है | पैटर्न के पता होने से हमे परीक्षा बिलकुल नई सी नही लगेगी क्योंकि हमे प्रश्न पत्र का पैटर्न पहले से ही पता होगा |  हमे ये ज्ञात रहेगा की इसमें कितने प्रश्न गणित , विज्ञानं , कंप्यूटर , तर्कशक्ति तथा कितने प्रश्न सामान्य ज्ञान तथा अंग्रेजी के पूछे जायेंगे |

यदि हमे पैटर्न पता है तो हम किसी भी परीक्षा को तैयारी  करने के पश्चात सफल बनाने में कामयाब होंगे | यदि हमे पैटर्न का ज्ञान नही है तो कितनी भी तैयारी क्यों न हो , हमारा परीक्षा में कुछ तो समय अवश्य ही बर्बाद जायेगा |

 

 परीक्षा के समय ध्यान देने योग्य बातें-

·        परीक्षा  देने  जब  भी  जाये  तो  उसे  1 घंटा  पहले  कुछ  भी  न  पढ़े  अपना  दिमाग  शांत  रखे . अपने  आपको  हंसी  मजाक  में  उस  वक़्त  व्यस्त  रखे |

·        परीक्षा  से  पहले  नींद का पूरा  होना  बहुत  जरुरी  है .  इसलिए  नींद  पूरी  करके  ही  जाए  न  की  पूरी  रात  पढाई  करनी  है |जाने से  पहले  अपने  आपको  फ्रेश  करके  जाए |

·        परीक्षा  में  आये  सारें  सवाल  को  एक  बार  अच्छे  से   और  ठन्डे  दिमाग  से  पूरा  प्रश्न  पढ़  ले |

·        सबसे  पहले जो भी प्रश्न आपको आता है उसे  करे  न  की  दूसरे  प्रश्न  पर  अपना  समय  बर्बाद  करे |

·        हमेशा  वो  लाइन  ही  लिखे  जिसका  मतलब  निकालता  हो  फालतू  की  लाइन  लिख  के  अपना अमूल्य समय बर्बाद  न  करे |

·        भले  आप  छोटा  उत्तर  लिखे  पर  उसका  मतलब सही  निकलता  हो  वो  ही  काफी  है

 

इस तरह के कुछ टिप्स अपना के आप जरूर अच्छे अंक से पास हो सकते है ,तथा इस प्रकार हम प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर सकते है, और Ahana Coahing पर आपके के लिए  ढेरो मोटिवेशनल आर्टिकल, करियर टिप्स एजुकेशनल न्यूज़ + UPSC/MPPSC Coaching उपलब्ध हैं |

अपने विचार हमसे साझा भी कर सकते हैं और साथ ही साथ अगर आपके भी मन में भी कोई सवाल करियर सम्बन्धी  है तो आप Whatsapp के माध्यम से जरूर पूछिये, आपकी प्रतिक्रिया और सुझाव का हमें इंतज़ार रहेगा |

 

 

IAS Success Story - कैसे बन सकते है आप भी IAS

 

दोस्तों , आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको हम जाजमऊ के रहने वाले सूरज सिंह परिहार के बारें में बताएंगे जिन्होंने परिस्थितिया अनुकूल न होने पर भी सिविल सेवा परीक्षा में पास होने का दृढ़ निश्चय उनको एक ऊंचे सिखर पर ले आया |

 

सूरज ने सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता प्राप्त करके अपना स्थान कायम कर लिया है | वर्तमान समय में सूरज सिंह दिल्ली स्थित कस्टम एंड एक्साइज डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत है | सूरज सिंह से कुछ बातें की गई जिनके माध्यम से आपको IAS बनने के सपने में अवश्य ही मदद प्राप्त होगी , आप भी अपना IAS बनने का सपना पूरा करने में सफल होंगे |

 

सूरज सिंह के बातों का कुछ सारांश, तथा उनसे पूछे गए कुछ प्रश्न-

सिविल सर्विसेज में मिली इस सफलता पर कैसा लग रहा है?

 

सूरज सिंह ने बताया कि यह सपना हमारा और हमारे परिवार के सदस्यों का था , जो पूरा हो गया है | मैंने आईएएस बनने का सपना देखा जरूर था, लेकिन पता नहीं था कि कैसे पूरा होगा? परिस्थितियां भी अनुकूल नहीं थीं । घर मैं पापा प्राइवेट सेक्टर से रिटायर्ड हो चुके थे | इसके बाद घर की भी पूरी जिम्मेदारी हमारें ही कंधो पर आ चुकी थी | ग्रेजुएशन खत्म करने के बाद मैं दिल्ली आ गया था और फिर इंटरनेशनल बीपीओ में जॉब करने लगा था |

 

2005 से 2007 तक बीपीओ में काम करने बाद 2008 से 2012 तक स्टेट बैंक ऑफ महाराष्ट्रा में पीओ के पद पर नौकरी की। जॉब के साथ तैयारी करना बेहद ही मुश्किल था और जॉब को छोडऩा भी आसान नहीं था। फिर 2012 में एसएससी के द्वारा कस्टम एवं एक्साइज विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर चयन हुआ। आखिरकार जो चाहता था, वह मंजिल मिल ही गई।

 

सूरज सिंह का IAS का सफल प्रयास-

सूरज सिंह ने बताया कि यह आईएएस का मेरा तीसरा प्रयास था। पहले प्रयास में मेरा चयन नहीं हुआ। दूसरे प्रयास में भी मैं इंटरव्यू तक ही पहुंचा और अंत में मुझे सफलता मिली।

 

कौन सा विषय चुना तथा कैसे की तैयारी-

इसके लिए मैंने हिंदी साहित्य को चुना था | फिर मैंने बीए और एमए की किताबों के अलावा एनसीईआरटी की किताबों से तैयारी में मदद ली , सामान्य अध्ययन के लिए सेल्फ स्टडी की और हिंदी साहित्य के लिए कोचिंग ली |

 

 

इंटरव्यू में पूछे गए सवाल-

मेरा इंटरव्यू प्रोफेसर डेविड सिंगली के बोर्ड में हुआ था जो ओवर ऑल अच्छा गया था। डेविड सर साउथ से थे, इसलिए उन्होंने अंग्रेजी में प्रश्न पूछे और मैंने भी उनके उत्तर अंग्रेजी में ही दिए। देश-दुनिया से संबंधित प्रश्न पूछे। तैयारी तो मेरी थी ही, इसलिए उनके जवाब देने में मुझे कोई समस्या नहीं आई और मैं प्रश्नो के उत्तर आसानी से देता गया।

 

सूरज सिंह की शैक्षणिक पृष्ठभूमि-

कानपुर के सरस्वती विद्या मंदिर, डिफेंस कॉलोनी से 75 प्रतिशत अंकों के साथ 10वीं की और इसी स्कूल से 81 प्रतिशत के साथ 12वीं की। इसके बाद डीएवी कॉलेज, कानपुर से बीए (67 प्रतिशत) किया और फिर 59 प्रतिशत के साथ एमए की डिग्री हासिल की।

 

अपनी सफलता का श्रेय किसको दिया-

अपने माता पिता को तथा परिवार के सभी सदस्यों को दिया |  यह भी कहा कि- उनसे जो हो सका अपनी सामर्थ्य के अनुसार हरसंभव मेरी मदद की। भाई-बहनों के प्यार से भी मेरा हौसला बना रहा। इसके अलावा मेरे दिवगंत दादाजी और दादीजी का आशीर्वाद भी मेरे साथ रहा। भगवान की अपार कृपा तो है ही।

 

सिविल सेवा की तैयारी में किन बातों को ध्यान में रखना आवश्यक-

सूरज सिंह यह बताया कि यूपीएससी के सिलेबस को पूरी तरह कवर करें। बुक्स को कवर न करें, टॉपिक्स को कवर करें। इसके अलावा उत्तर देते समय ध्यान रखें कि उत्तर क्रिएटिव होना चाहिए। इसके अलावा एनालिसिस करें। पैराग्राफ ज्यादा बड़े नहीं होने चाहिए। फैक्ट्स अच्छे होने चाहिए |

दोस्तों इस आर्टिकल के माध्यम से हमने टॉपर सूरज सिंह के बारें में जाना | अब हमें विश्वाश है कि आपको IAS की तैयारी में अवश्य सहायता प्राप्त होगी | यदि अभी भी आपके मन में कोई करियर संबंधित प्रश्न आ रहा हो तो आप Whatsapp के माध्यम से अपने प्रश्नों को पूछ सकते हैं, आपके सवालों, प्रतिक्रिया और सुझाव का हमें हमेशा इंतज़ार रहेगा |

 

Self-confidence कैसे बढ़ाये - जानिये ये बातें

ये बात सभी जानते है की कोई भी सफलता प्रप्ति हेतु Self-confidence  होना अति आवश्यक होता है | Self-confidence  ही सफलता की पहली कुंजी है | अगर किसी व्यक्ति के अंदर Self-confidence की कमी है तो वह व्यक्ति कभी भी सफल नहीं हो सकता है | किसी भी व्यक्ति की first quality  उसका Self-confidence होता है | Self-confidence बढ़ाने हेतु कुछ महत्वपूर्ण तथ्य निम्नलिखित है,आपको इन बातो पर ध्यान देना चाहिए  -

 

ड्रेसिंग सेन्स का ज्ञान -

आज के समय में ड्रेसिंग सेन्स का भी ज्ञान होना अति आवश्यक होता है यदि उसको ड्रेसिंग सेन्स का ही ज्ञान नही है तो उसके Self-confidence में हमेशा कमी दिखाई देगी | आजकल ड्रेसिंग का विशेष महत्व है | ऑफिस हो या पार्टी या फिर घर ड्रेसिंग उसी अनुसार प्रयोग की जाती है , सभी जगहों पर ड्रेसिंग का अलग - अलग महत्व है | अगर इसका ज्ञान नही है तो जीवन में काफी समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है | इसलिए Self-confidence के लिए  ड्रेसिंग sense के ज्ञान का विशेष महत्व है |

 

Confident बनने के महत्व पूर्ण तथ्य-

Confident बनने के लिए हमें उस व्यक्ति को देखकर प्रेरणा लेनी चाहिए जिसे देखकर हमे लगता हो की वो confident है अतः confident होने के कुछ तथ्य निम्नलिखित है -

·        Front seat पर  बैठिये |

·        Class में , seminars में , और अन्य  मौके  पर  Questions पूछिए / Answers दीजिये |

·        अपने चलने और बैठने के ढंग पर ध्यान दीजिये |

·        दबी  हुई  आवाज़  में  मत  बोलिए |

·        Eye contact कीजिये , नज़रे  मत  चुराइए |

 

 किसी एक  चीज में अधिकतर लोगों  से  बेहतर कमांड –

किसी एक विषय पर अच्छी कमांड होनी चाहिए जिससे की हम कॉन्फिडेंस से कह सके की हम इस विषय में अच्छे से कार्य कर सकते हूँ | इस तरह की कमांड रखने से उसका Self-confidence दिखाई देता है और उसके अंदर तब पूर्ण Self-confidence होता है |

 

अपनी success को याद रखे -

अपना Self-confidence बढ़ाने के लिए अपनी best achievement को याद करते रहना चाहिए जिससे की हमे हमारे Self-confidence में कमी नही आएगी , और हमे भविष्य में success के लिए हम full confidence के साथ तत्पर रहेंगे | हम अपनी पहले की success को देखकर motivate होते रहंगे , और सफलता को प्राप्त करने में अग्रसर होंगे |

 

गलतियों से कभी मत  डरिये:

हमे गलतिया से कभी नही डरना चाहिए क्योकि गलतिया से ही हमे कुछ सिखने को मिलता है | यदि हमे गलती का डर रहेगा तो हमारे Self-confidence  में कमी रहेगी | और हमेशा अच्छा करने की सोच रखनी चाहिए | अतः गलती के बाद दिमाग में होने चाहिए की गलती को अब दोहराएंगे नही क्योकि गलती करना गलती नही होता गलती को दोहराना सबसे बड़ी गलती होता है |

 

Low confidence के  लिए अंग्रेजी  ना जानने  को दोष न दे -

आजकल Low confidence के कारण लोग अपनी अंग्रेजी अच्छी न होना भी मानते है परन्तु यह कारण Low confidence नही होना चाहिए हम जिस भाषा में अपने आप को अच्छा प्रस्तुत कर सके हमे उसी भाषा का प्रयोग पूरे confidence के साथ करना चाहिए | मै भी मानता हूँ आजकल अंग्रेजी युग है अंग्रेजी का बहुत महत्व है परन्तु इसको दोष न देकर जिस भाषा का ज्ञान हो अपने आपको उसमे प्रस्तुत करना चाहिए |

 

जो कार्य करने में आपका मनोबल घटाता है उसे बार-बार करें-

कुछ व्यक्तियों में hesitation बहुत अधिक होता है जो उनके Self-confidence को कम करता है और success में इसकी वजह से समस्या आती है | इसके कुछ कारण लोगों में  stage-fear होता  है  तो  कोई  opposite sex के  सामने  nervous हो  जाता  है इन कारणों से मनोबल में कमी आती है |

 

विशेष अवसरों पर विशेष तैयारी -

“कोई भी सफलता पाने के लिए Self-कॉन्फिडेंस का होना अति आवश्यक होता है” - Arthur Ashe

जब कोई आपको proof  का अवसर दे तो उसमे 100 प्रतिशत देना चाहिए उस अवसर में कोई भी आलस्य नही दिखाना चाहिए क्योंकि ऐसे अवसर ही Self-confidence को बढ़ाते है | अतः ऐसे अवसरों से हमारी पहचान बनती है अगर हम ऐसे अवसरों पर खरे उतरते है , तो  हमारा Self-confidence बढ़ता है |

CSAT परीक्षा क्या है - कैसे करे तैयारी

 

दोस्तों , हम इस आर्टिकल के माध्यम से आज के समय की बेहद ही कठिन परीक्षाओं में से एक CSAT के बारें में बताएंगे |

इस परीक्षा में सफल होने के लिए तैयारी कैसे करें यह जानकारी भी दी जाएगी, जिससे आपको इस परीक्षा को सफल बनाने में अवश्य मदद मिलेगी |

 

प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में लगे छात्रों के बीच इन दिनों एक शब्द काफी चर्चा का विषय बना रहा है,जिसका नाम है CSAT यानी सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट | यूपीएससी ने इस वर्ष आयोजित सिविल सर्विसेज प्रारंभिक परीक्षा के सिलेबस और पैटर्न में कई नए ऐसे बदलाव कर दियें हैं, जिसके बाद इसे सी-सैट का नाम दिया गया है ।

 

सी- सैट के प्रश्न पत्र को लेकर प्रायः छात्रों में भय बना रहता है , क्योंकि इसका एक कारण यह भी है कि एप्टीट्यूड टेस्ट के तहत उम्मीदवारों को अब वैकल्पिक विषयों में से एक का चुनाव नहीं करना होगा | बल्कि इसके स्थान पर सभी छात्रों के लिए सामान्य अध्ययन के अलावा एप्टीट्यूड टेस्ट का एक जैसा ही पेपर दिया जायेगा |

 

CSAT की  कैसे करे तैयारी-

संघ लोक सेवा आयोग के बाद राज्य सेवा आयोग भी राज्य सेवा परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा में वैकल्पिक विषय  की जगह  अब  सीसैट( सिविल सर्विस एप्टीट्यूड  टेस्ट ) लेने जा रही है | इसकी तैयारी हेतु हमें अत्यंत कठिन परिश्रम करना होता है | तब हम इसकी तैयारी कर पाते है |

 

तैयारी के तरीके -

इसकी तैयारी के लिए लगभग परीक्षा के 6 महीने पहले से ही शुरू कर देनी चाहिए |

अपना पाठ्यक्रम एकत्रित कर लें |

समय सारणी का प्रयोग करें तो सभी विषयों पर फोकस बना रहेगा |

नियमित रूप से प्रतिदिन स्टडी का रूटीन बनाकर रखें |

यूपीएससी सीसेट के पिछले साल के प्रश्नपत्रों को हल कीजिये |

अपना कमरा बंद करके , बिना किसी व्यवधान के 2 घंटे बैठ करके उसे हल कीजिये ,और अपनी क्षमता को दिखिए |

अपनी कमियों का आंकलन कीजिये और पता लगाईये कि किन क्षेत्रो में आप अच्छे  अंक प्राप्त नहीं कर सकें है

किन क्षेत्रो पर कार्य करना है यह ध्यान में रखें |

तैयारी हेतु अच्छी रणनीति अवश्य बनाये |

सभी विषयों को साथ लेकर चलें , किसी टॉपिक व विषय को पेंडिंग में न डालें |

आत्मविश्वाश बनाएं रखें , मोटीवेट होतें रहे |

 

पाठ्यक्रम-

Interpersonal skills including communication skills (संचार कौशल सहित पारस्परिक कौशल) |

Logical reasoning and analytical ability (तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता) |

Decision-making and problem-solving (निर्णय लेना व समस्या सुलझाना) |

General mental ability (सामान्य मानसिक क्षमता ) |

Basic numeracy (numbers and their relations, orders of magnitude, etc.) (Class X level), (बेसिक संख्यात्मक कार्य (दसवी कक्षा के स्तर की  संख्या और उनके सम्बन्ध , परिणाम क्रम , आदि ) |

 

 

दोस्तों इस आर्टिकल के माध्यम से दी हुई उपरोक्त जानकारी से हमें CSAT की तैयारी करने में अवश्य ही सफलता प्राप्त करने में मदद मिलेगी |

यदि अभी भी आपके मन में करियर से रिलेटेड कोई सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने सवालों को पूछ सकते हैं, आपके सवालों, प्रतिक्रिया और सुझाव का हमें हमेशा इंतज़ार रहेगा |

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